लम्हों की नमी को महसूस किया था जो तुम्हारी आँखों की कोर पर अटका था तुम बहुत आगे निकल गए अपना पूरा पी... लम्हों की नमी को महसूस किया था जो तुम्हारी आँखों की कोर पर अटका था तुम बहुत आगे ...
मां की पसन्द की रखी है सब चीजें आज यहां आंगन में, बस मां का स्पर्श नहीं है आज जो रहत मां की पसन्द की रखी है सब चीजें आज यहां आंगन में, बस मां का स्पर्श नहीं है...
वक़्त के कुतरे पंखों को काट आज कुछ मुस्कानें खरीद कर ही उड़ान भर लें वक़्त के कुतरे पंखों को काट आज कुछ मुस्कानें खरीद कर ही उड़ान भर लें
उदास रहने से हँसा देती है ये दोस्ती, पुकारने से चली आती है ये दोस्ती, उदास रहने से हँसा देती है ये दोस्ती, पुकारने से चली आती है ये दोस्ती,
हँसी और मुस्कुराहट की गजल़ है वो गुजरी यादें । हँसी और मुस्कुराहट की गजल़ है वो गुजरी यादें ।
अल्फाजों की जुस्तजू में ही, वक्त लुटा दिया अल्फाजों की जुस्तजू में ही, वक्त लुटा दिया